बुधवार, 30 जनवरी 2008

मरने की तमन्ना में .............

मरने की तमन्ना में, जीने का बहाना है
हर रात के आँचल में, ख्वाबों का खजाना है

फुरसत से कभी आवों,हमराज बना लेगें
वह दौर क़यामत तक,तुमसे ही निभा देगें

दुनियां तो है दो पल की,यह साथ पुराना है
मरने....................................................

थम-थम के जो बरसे तो,पलकों को गिले होंगे
गमे-राह में चलने के ,मंजर न बयां होंगे

अश्को के चलन में ही,उल्फत का फंसाना है
मरने.......................................................

इस दिल की तमन्ना को,कुछ भी तो शिला दोगे
इक राज बना इनको, सीने में दबा लोगे

अब रंग बना इनको,सपनों को सजाना है
मरने........................................................


vikram

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

bahut bahut badhiya

marne ki dar se hi log jeena ka bahana dundh lete hai.