शनिवार, 8 मार्च 2008

आइये आसुओं से समुंदर रचे.....

उम्र क्या चीज हैं,रश्म क्या चीज हैं

आशिकी दो दिलो की बड़ी चीज हैं

आइये आसुओं से समुंदर रचें

इश्क में जो करें वो बड़ी चीज हैं

क्यूँ ऐ नजरे खफा मुझसे रहने लगीं

चुपके चुपके मेरी राह ताकने लगीं

आइये इक कशिश बनके दिल मे रहें

दर्दे दिल की तडफ भी बडी चीज हॆ

हम नजर जो हुये,हमसफर न हुये

सौदे दिल के किये फिर मुकर भी गये

राहे-उल्फत मे जिनके कदम न बढे

वो ये कहते हैं दिल भी अजब चीज हैं

अब ये वादे वफा के न रश्मी रहें

दिल यहाँ जो कहें हम वही अब करें

देखिये जिन्दगी ये जफा भी करे

उससे पहले संभलना बडी चीज हैं

विक्रम

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

क्यूँ ऐ नजरे खफा मुझसे रहने लगीं

चुपके चुपके मेरी राह ताकने लगीं

आइये इक कशिश बनके दिल मे रहें

दर्दे दिल की तडफ भी बडी चीज
beautiful